_-____-_---___-_------_----_____-____-_-_--__-_--__-__---_--__--___--_--_
__-__-_-__--____--____--_--_--_--__-_-_--___---___----__-_-___----__--_--
--__-_--___-_-__--__---_-___-------_--_--__-__-____--__--_-___-_--_--____
-_--_--_-_____--__-____-_-__-_----__-___---__-__--__--___--___--_--_-----
---_--____--_-__-_-_--__-__-_---____-__-_-___-_-_-__-__-____---_---_-----
-___-_-_--__-_-_-_-__--_---___-_-_--__--_-__--__-_-__-_---__-__-__----__-
_---_------___-_---_____----___-_-----__-_-___-______-_-__-__--____-----_
-__--_-__-__-__-_----__--_-___---______--_____--______----_--_-----_-_---
---__-_--_---___---___---_-----_-_-_-____-_-___-_--___-_-_-__-__--____--_
-__-_--___---___---_-_-_-___-___---_____----__-----_--__----__-_--_____-_
-_-__---_--_-_--_--------__-__--___---_---_________-_--_-__-___--__-__-__
_---_-__---_-__---_-_-__-__-_-_--___-__-_--_--_--__-__-__----___-_-_--___
--_-_-________---_--___---__-----__--___-__--_---__------_-_-___-___--___
____-_--_-_---___-__--__-_-_-____-------__------_--_-__-___-__--____-_--_
-_---_-_---_--___--__-__-__-_-_--____-__--_--_-__--_-_-_-_---__-__-_--___
_-_--___-_____--_---_-___-__-_-----__-__--_-_-_------____---__--_--_-____
_-_--__-__-__-_--_____-_-____---_-__-_-__-_-__-__---_---_--_---_-_-_--_--
---_-__----_-___-_--__--___-__-_-----__---__--__-_--__---__-______---____
___--_--_-_-_-_-__-_---____--__--___--___-__----_----_-_-____---___--_--_
-_--_-_-___-_-_-___-_---_--__-__-_---____-_-__---_--_____--_--__-_-_--_--
_-----_-__-_-__--_-____----_--_____-__-_-_---_----__--____---___---__-___
________-__--_-_------__--___----_--_-_________-_--___-_-----_-_-_---_---
-__---____-_--__----__--______-_-_-__-__----__-_---_-_--_-__---_-__--__-_
__--______---____-----_--____-___--_-_--___---_-_--___-_-----__-____-----
-__---_-____--__------_-____--_-__-_____---_-__-_-_----_-_-____-_----__-_
--__-_-_-___-_---__-_____--__-_-_-__-__----_-_---_--__---_-______---_--_-
え?
DDR5のメモリーって意外とやすかったの??
----_--__-__-__-_-__--__--_---___---___-__-_____--____---_---___--_-_-_--
-_-___----________---__----_--_-__---__--_-_--_-_-_----__-_-_____-__-_-_-
_----___----__---__---__-____-___---__-_-___-__-_-___-_----__-__---__-_--
_-_--__-____-______-___-_-______--_-----_--_----_---____-__----_----__---
__--_---__-_--___-_-----___-___-___----_-__--_-_-__-_-_-__-___----_---___
_-__-__-__-_______--_--_---_---_-_-__-_--_--_____---------___-__---____--
--__---_---_-__------__--___-__--_-______----______--_--____--_-_---_-___
___--____--_---______-_---_---_--__-______---_------_-________-_----_----
__-____--_-__--_-_--_-_--_---_--_---___--__-______--_-__-__-_---__-__----
-__------___--_-_--_--__--__-__-__-__--__--__-___-_-_____--_-___-_---_---
__-_-_-__-----__-_--_-_---__-_--___-_-----__-_-_-_-__----__-___-_____--__
----__---_------_-_____--___-_-______-_--_----_-___-_-----___-__-__-____-
_-_____------___--__-__-_-__----__--_-_-_-___-_---______-----_-___-__----
_-__-_----_--_----__-_--__-_---____-__-_-_-__-_-_-_____-_-_--_--_--_--___
_-_--___--_-_-___-__----_----_-__--__-__---_----_-_--__-____--___-___--__
--__-__-----_---___-_--_-_--__---__-___-__---___-________---_-_-----___-_
__-__--_-__--_---___-__--___--_-_-__--__---_-_-_-_----__-__-___--_---_-__
__--_-__-_---_-___---_---_-_--_-__--_--___--__---__---___-__--_-___--____
____-_-_-___-_-_-__------_----__-______---__-_-_--_-_-__----__--_--_--___
__-__--_--_-_--_---__-----_-_-_--____--_-___---__-----____--__-___-___-__
-_-____---__--_-___----_-----_-__-_--__---__--___-_-______-_-_--_-_-__--_
--____---__-_--_--_-_--__-_____-____------__--__-___-_---------_-__-_____
-__---______-__--_-__--_--_-_---_--_-_-___--_-__---___-_-_----_-__-_-__-_
-__-__------_-___-----________-___-_-_-_--______----__-_-_-_-__---_-_----
_----_-___-_-_--_-___---_-_-------___---____-_---_-__--___-_-_-____-____-
-__--_-_____-___-_-__----_-_--------___---___--_-___-___-_-_--_----__-___
-__--_-__-______-__---__--___-___-_-__--__--_--_--___-__----_--_--__-----
_-_--_-_---_-______-__---_--_-_----_-__-______-___----__-_--__--_-__-_---
_--___------_-___-_-__---__-__--__--__-_--_-----___-__-_-___-----_-______
---_--_--_--____--_-----_-___--__-________-__-_-__---___--_--_---___-_--_
_--_--___-__-_-_-_-__----________-__-_-_--___----__-__----_--_---_--_-_-_
_-_--_--___-__-_-_--_--_-_-___-_--__-_-_--_-__--____---____-_---_-___----
-_-__-_-_--_-__-____----___--_---____-_---_-_________--__----__------__--
-_-___---__-_-_-_--___-__----__--___--_-__-_-_-__---_-_---___-____-__----
_-------_--_----_-----_-______---__-______-__---__-_--___-__---__-___-___
-_-_-__--__-_---_-__-___-_--_-_---_-__--_-_-__---_______--__-_--__---_-_-
-__-_-__-___--_-__--_-_______-_---_-_--_-_-_---____-_-____-_----_----_---
_-----___--___-___-_-----_--__---_-____---__--_---_-__-___---__-_-____-__
-__---___--____-__--_-_-__-_-__-_--________--_---_-----__-_-__-_--_--_---
--_-_--_-_-_-___----__---___-__----_-__-___-___--_---___-_---__-_---_____
_--___---_-__-_---__-__-____-_--_--_--___-_----_-__--_-_-___--__-_--_-__-
--_-_---_-_-__-_--_-_--_____---_-_--_-__-__-____--__-_---_-___--_--__-_-_
-_--_-_____-__--_-_--___---_--_-__---_-_-___--_-___-_---__-_--_--____-_--
-__-__-__-__-__----_----__--_-_-_-_-__-___--_____---__-_____----_-_-_----
-__-_-_-_-__--___--_____--_-__--_-____-_------_-----_____-____--_-_---_--
_-------_____-----__-_-_----__-___-__-____-___--___---_---__----__-__-___
-___---__-____-__--__----____-_--_--_----_-_-_-_-__---___-__-_---_--____-
_-__--_-----______-----_-_---__--_----_--_-_-__-____-_--__-__--_______--_
___-_____------__---_--____----_------____--_____--_--__-__---__-___--_-_
__---___---_-____-_------_-__-___------___-_-___-__--_-___--__---___-__--
______--__-___-___--_-_--____-_--_--_---_-_---_--_-_-__----_---_-__-_-__-
----___-__-----__-____-_-__----__-__--__-__-_-_-__-----__-_-___-_---_-___